Wednesday, July 20, 2016

सुप्रीम कोर्ट ने लिखित सुब्मिशन माँगा, बहस के चांस कम।।

◆27 जुलाई की सुनवाई की संभावित रुपरेखा

शिक्षामित्र केस अब अपने आखरी पड़ाव की ओर है। सुप्रीम कोर्ट ने 27 जुलाई की सुनवाई में सभी पार्टीज से लिखित सुब्मिशन तलब किया है। जो कि 27 तक सभी को जमा करना है।
क्या है लिखित सबमिशन:-
रिटेन सुब्मिशन एसएलपी के क्वेश्चन ऑफ़ लॉ का ही एक परिवर्तित रूप होता है। अर्थात आप को हाईकोर्ट के फैसले की कमियाँ गिना के अपनी बात रखना होगी।
यानी जिस एसएलपी में हाइकोर्ट के फैसले पर जो भी सवाल उठाये गए हैं उन्हें कोर्ट में रखना है और विरोधी आप के सवालों पर रेजोइंडर सुब्मिशन दाखिल करेगा।
कोर्ट की नियमावली के हिसाब से ये प्रक्रिया अधिकतम तीन दिन चलाई जा सकती है। 72825 पर अंतरिम आदेश आने के 99%चांस है। चूँकि मुख्य केस वो ही है। बहस टेट और अकादमिक पर ही होने की सम्भावना अधिक है। 

27 के बाद क्या होगा:-
सुप्रीम कोर्ट में लिखित सुब्मिशन जमा हो जाने के बाद रेजोइंडर का आदेश हो सकता है या फिर इन्ही सुब्मिशनस पर मौखिक बहस कराई जा सकती है।
हालात को देखते हुए रेजोइंडर सुब्मिशन लेने के साथ मौखिक बहस होने की सर्वाधिक सम्भावना है। सुनवाई रेगुलर हियरिंग के तहत अगली तारीख लगने के बाद होने की पूरी सम्भावना है।

"मिशन सुप्रीम कोर्ट" की 27 जुलाई की तैयारी:-
27 जुलाई की सुनवाई में मिशन सुप्रीम कोर्ट समूह द्वारा लिखित सबमिशन तैयार कराया जा रहा है। चूँकि इस समूह द्वारा दाखिल की गई एसएलपी के बिंदु अब तक दाखिल हुई सभी एसएलपी से अलग और संवैधानिक उपबन्धों पर आधारित हैं इसलिए समूह के सदस्य जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
लिखित सुब्मिशन से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस समूह के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कोलिन गोन्साल्विस को अपनी बात रखने में आसानी होगी।
लिखित सबमिशन तलब कर के सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई को सरल बना दिया गया है जिससे हमारी जीत की सम्भावना और बढ़ गई है।
"मिशन सुप्रीम कोर्ट समूह के साथियों को अवगत कराना चाहते हैं कि 27 की सुनवाई में हमारे द्वारा जमा किये गए सबमिशन विरोधी को ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।

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