Tuesday, July 12, 2016

...और अब 11 जुलाई की तरह 15 जुलाई को बीएड बीटीसी बेरोज़गार लताडे जायेंगे!!

शिक्षामित्रों के दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट की एकल पीठ से लेकर पूर्ण पीठ तक 12 सितम्बर 2015 और इसके बाद तक दर्जनों लोगों की याचिकाएं ख़ारिज कर चूकाहै।

बीएड बेरोज़गारों और बीटीसी बेरोज़गारों की ओर से 2014-15 में प्रशिक्षण के खिलाफ याचिकाएं की जा चुकी हैं जिनपर सुनवार्इ 27 जुलाई को होगी।
और अब फिर माननीय सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनिंग मामले की १०६५९/२०१६ अशोक कुमार तिवारी vs स्टेट ऑफ यूपी की सुनवाई १५ जुलाई को आइटम नं० ३१ पर होगी।
11 जुलाई को जिस तरह से कोर्ट ने अपना रोष और खिन्नता प्रदर्शित की अब वो ही दृश्य बीएड बीटीसी बेरोज़गारों के सामने 15 जुलाई को होगा।
कोर्ट एक बार फिर इन याचियों को लताड़ लगा के याचिका 27 जुलाई को टैग करेगा। ऐसा पूर्ण संभावित है।
सुप्रीम कोर्ट 24 फरवरी और 26 अप्रैल को स्पष्ट आदेश कर चूका है कि अब कोई भी याचिका इंटरटेन नहीं की जायेगी। इसके बावजूद ये बेरोज़गार शिक्षामित्र प्रशिक्षण के मुद्दे पर बार बार मुंह उठा के क्यों चले जाते हैं। ये तथ्य सर्वविदित है की बेरोज़गारों की याचिकाये अब तक लोकस न होने के कारण खारिज होती रही हैं।
◆"मिशन सुप्रीम कोर्ट" समूह के विधिक जानकारों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ कोलिन गोन्साल्विस और फ़िडेल सेबेस्टियन को ट्रेनिंग से सम्बंधित साक्ष्य और पत्रावली उपलब्ध करवा दी गई है। अधिवक्ता का कहना है कि आप के प्रशिक्षण को जो कोई भी चैलेंज करेगा वो मुंह की खायेगा।
मिशन सुप्रीम कोर्ट समूह का मानना है कि
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।

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