★शिक्षामित्रों के लिए एनसीटीई अधिनियम 1993 (यथा संशोधित 2010व 2011) में संशोधन कर अप्रशिक्षित अध्यापक के रूप में परिभाषित किया गया।
★मुख्य सचिव यूपी को 26 ओक्टूबर को भेजे पत्र में एनसीटीई ने शिक्षामित्रों को पूर्व नियुक्त शिक्षकों की श्रेणी में रखने की बात कही।
★ मार्च व् जून 2016 में एमएचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा राज्य सभा और लोक सभा में अपने लिखित उत्तर में ये कहा गया:-
training of all untrained teachers to acquire professional qualifications through Open Distance Learning (ODL) mode, अर्थात समस्त अप्रशिक्षित अध्यापकों(शिक्षामित्रों) को दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण करवा कर प्रोफेशनल अर्हता पूर्ण कराई गई।
■उपरोक्त बिन्दुओ को सुप्रीम कोर्ट में रखने के लिए एमएचआरडी और एनसीटीई का स्पष्टीकरण ज़रूरी है।
शिक्षमित्रों के दवाब के चलते शिक्षामित्रों के दोनों बड़े संगठन जितेंद्र शाही और गाज़ी इमाम आला एनसीटीई एक्ट 2010 यथा संशोधित में उल्लेखित (12क) पर एमएचआरडी और एनसीटीई से स्पष्टीकरण प्राप्त करने को प्रयास करेंगे।
उक्त संशोधन में उल्लेख है कि "वो समस्त लोग जो शिक्षक के रूप में नियुक्त किये गए हों चाहे वो किसी भी नाम से जाने जाते हों अप्रशिक्षित अध्यापक हैं"
◆शिक्षामित्र संघों को अपने इस प्रयास द्वारा एनसीटीई से शिक्षामित्र ही वो अप्रशिक्षित अध्यापक थे, ये तथ्य कोर्ट के समक्ष स्पष्ट कराना है। ताकि जीत सुनिश्चित हो। और एमएचआरडी व एनसीटीई द्वारा राज्य को एडवाइजरी जारी की जाय। मिशन सुप्रीम कोर्ट समूह के विधिक जानकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दोनों संघो को अपना पूर्ण सहयोग और हर संभव सहायता देगे।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।
3 comments:
ये काम जल्द हो जाना चाहिए ।
Well done rabi bhai
Well done rabi bhai
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