■केंद्र की वार्षिक कार्य योजना में समायोजित शिक्षकों को पूर्ण स्वीकृति दी है।।■
●●●●●सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों के मुकद्दमे में केंद्र सरकार की एमएचआरडी और वित्त मंत्रालय को भी शिक्षामित्रों का पक्ष लेना पड़ेगा हम इस सन्दर्भ में हम 2010 से अब तक की केंद्र और राज्य की रिपोर्ट्स का विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं इन में बताया गया है कि आरटीई एक्ट लागु करने की दिशा में शिक्षामित्रों के लिए क्या क़दम उठाये गए । हम आप को वर्ष 2010 से 2016 तक केंद्र सरकार की वार्षिक कार्य योजना में शिक्षा मित्रों के सम्बन्ध में क्या योजना तै की गई।
◆वर्ष 2010-11 में यूपी सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को शिक्षण प्रशिक्षण दिलवाने हेतु प्रस्ताव दिया गया।
◆अगले वर्ष 2011-12 में राज्य सरकार को इस डीबीटीसी करवाने हेतु 6000 रूपये प्रति शिक्षामित्र /प्रतिवर्ष की दर से बजट केंद्र सरकार ने यूपी को उपलब्ध करवाया।
◆वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए राज्य ने 124000 शिक्षामित्रों के नियमितीकरण की जानकारी देकर 62000 के वेतन का प्रस्ताव रखा जिसे मंजूरी दे दी गई।
◆फिर 2013-14 के लिए लगभग कुल 154000 शिक्षकों (शिक्षामित्रो) के वेतन का प्रस्ताव रखा गया। केंद्र ने इनका वेतन भी स्वीकृत कर दिया।
◆वर्ष 2014-15 में भी ये ही वेतन बजट स्वीकृत होता रहा।
◆वर्तमान 2016-2017 वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार 136000 समायोजित शिक्षकों और 14000 अवशेष शिक्षामित्रों का वेतन स्वीकृत कर शिक्षामित्रों के शिक्षक होने पे मोहर लगा दी।
✍इसके बावजूद बीएड बीटीसी बेरोज़गार शिक्षामित्रों के पदों से लेकर नौकरी तक पे दावा ठोंक रहे हैं।
अब सवाल ये है कि बीएड बीटीसी बेरोज़गार की नैया पार लगेगी। जबकि शिक्षामित्रों की स्थिति केन्दीय सरकार ने 2010 से 2016 तक हर प्रकार मज़बूत की है। ये मज़बूती शिक्षामित्रों का सम्मान सुरक्षित रखेगी।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
✍🏼रबी बहार**&केसी सोनकर और साथी*।।
Saturday, June 25, 2016
केंद्र की वार्षिक कार्य योजना में शिक्षामित्रों का वेतन स्वीकृत
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7 comments:
Very nice rabi bhai.
Very nice rabi bhai.
Very good job ravi a vahaar bhai ji
Very good job ravi a vahaar bhai ji
Very good job ravi a vahaar bhai ji
Jb kendra shurvat kerta hai tab smasya nhen to ab kyon?
Serkare jo bhi hon unehen jaroori kam kerna chahiye ydi serkaren enmen adanga hai kahti hain to phir VISHESH SHIKSHAK (SAMEKIT SHIKSHA aerthat dristiheen, mookbdhir v mansikmand jinhen DIVYAANG kehker pukara ja rha) ka kerne men kya samasya joki digree holder haien. Kewal naam bdalne se kuchh nhin hota balki us trikese kaam bhi kerna hota hai.
Virendra prasad shukla, Mahrajganj(UP)
9838937972
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