◆आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों का सुरक्षा कवच....शेष-2◆
✍कल हमने चर्चा की कि आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों को सेवाओं में बने रहने के लिए सुरक्षा कवच है।✍●कहने की ज़रूरत नहीं कि आरटीई एक्ट लागु होने से पहले और लागू होने के बाद देश भर के संविदा शिक्षकों को अप्रशिक्षित अध्यापक ही बताया गया। और आरटीई एक्ट में इन् के लिए 6 माह के अंदर शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का प्राविधान किया गया। और यहाँ से आरटीई एक्ट ने सुरक्षा घेरा बनाना शुरू किया।
●कल हमने विदेशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट्स को आधार बना कर विश्लेषण किया। इस पर कोई ये भी कह सकता है कि विदेशों से फंडिंग करवाने के लिए ये बातें कही होंगी‼
तो ठीक है हम एमएचआरडी में आयोजित राज्यों की बैठक में लिए गए निर्णय की बात करते हैं।
वर्ष 2010 में आरटीई एक्ट लागू होने से पहले एमएचआरडी की तत्कालीन अतिरिक्त सचिव और वर्तमान एनसीटीई की चेयरमैन रीना रॉय ने प्रस्ताव पास करते हुए कहा कि
●अब आरटीई एक्ट लागू किया जाना है और इस में 6 माह में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण शुरू कराने का प्रावधान है।
इस स्थिति में
"हमें आरटीई एक्ट में निर्धारित किये गए समय अनुसार हमें शिक्षक प्रशिक्षण की रूप रेखा तैयार करना है ये फेस टू फेस न होकर अनुभव आधारित होगा। इसे दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित है।"
✍यहाँ राज्य के प्रतिनिधियों ने जानकारी देते हुए दिशा निर्देश मांगे और कहा:-
" देश के एडिड और सरकारी स्कूलों में कुल 9.62 लाख टीचर हैं जिनमे 16% नियमित शिक्षक 69% पैरा टीचर हैं।"
रीना जी ने इनका समाधान ये किया कि इनको आरटीई एक्ट अनुसार दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण दिलाया जायेगा और "इस कोर्स को मान्यता और अनुमति देने की ज़िम्मेदारी एनसीटीई को दी जा चुकी है, कुछ राज्य ने इस बारे में अप्लाय भी करना शुरू कर दिया है।।"
✍हमें उम्मीद है इन तथ्यों की रौशनी में आरटीई एक्ट का सुरक्षा घेरा और मज़बूत होने का अहसास आप को हो गया होगा।
….............शेष कल
✍रबी बहार**&केसी सोनकर और साथी*।।
Thursday, June 23, 2016
आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों का सुरक्षा कवच....शेष-2
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1 comment:
सराहनीय पोस्ट
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