Thursday, June 23, 2016

आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों का सुरक्षा कवच....शेष-5

◆आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों का सुरक्षा कवच....शेष-5◆

●राज्य ने अपनी आरटीई नियमावली और शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कैसे हमें धोखा दे कर संशोधन किये और हमें मोहरा बनाया ये उल्लेखनीय है।
12 सितम्बर 2015 का हाई कोर्ट का आदेश कहता है कि राज्य ने नियुक्ति नियमावली में अवैध संशोधन किया।
आरटीई नियमावली का 16 क भी अवैध करार दिया।
✍जबकि वर्ष 2011 में जब राज्य सरकार ने नियमावली बनाई तो उसमे अन्य राज्य की तरह शिक्षामित्रों के नियमितीकरण का बिंदु शामिल नहीं किया और न ही 2011 की नियुक्ति नियमावली 12 वें संशोधन में इसे जोड़ा। इस के बाद 12 से 19वें संशोधन तक हम कहीं भी शामिल नहीं किये गए। जब 2014 में 19वें में जोड़ा तो वो भी बीएड के भाग में क जोड़ दिया।
●27 अगस्त 2009 को जब आरटीई अधिनियम का गज़ट किया गया और 1 अप्रैल 2010 को इसे अधिसूचित कर दिया गया तब तक इस में शिक्षामित्रों के सम्बन्ध में कोई विशेष प्रावधान नहीं था लेकिन जब इस का पहला संशोधन आरटीई एक्ट की धारा 35 का प्रयोग करते हुए किया गया।
इस में राज्य सरकार को स्पष्ट ज़िम्मेदारी दी गई कि वो इन की शैक्षिक योग्यता के साथ इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करे।
अर्थात इनको नियमित अध्यापक की योग्यता के दायरे में लाये।
✍लेकिन अफ़सोस सरकार तो सरकार हमारे कोर्ट के पैरवीकारों ने भी आरटीई एक्ट के इन प्रावधानों को अपनी किसी भी एसएलपी में शामिल नहीं किया। और तो और नए साक्ष्य लगाने की बात तो तब की जाती जब आप उसके लिए ग्राउंड तैयार कर लेते।
       ..........शेष कल
✍रबी बहार**&केसी सोनकर और साथी*।।

1 comment:

Unknown said...

सौ प्रतिशत सही बात सारा दोष इन सरकारों का ही है