◆आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों का सुरक्षा कवच....शेष-4◆
‼जन साधारण के सूचनार्थ‼
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन अनुसार एनसीटीई द्वारा स्नातक शिक्षामित्रों के लिए दूरस्थ माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण की अनुमति दी जा चुकी है। ये अनुमति आरटीई एक्ट में दी गई समय सीमा में प्रशिक्षित अध्यापक उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से दी गई है।
क्योंकि इन अप्रशिक्षित अध्यापकों को किसी भी प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के बिना नियुक्त किया गया था, ये दूरस्थ प्रशिक्षण इनका पहला पेशेवर डिग्री प्रोग्राम के रूप में है। हालांकि, एनसीटीई / मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ये पहल एक अपवाद है।
ताकि इन अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा में बनाये रखा जा सके। चूँकि देश में 31 मार्च 2015 तक प्रशिक्षित अध्यापक पूर्ण करना हैं इस कारण ही दूरस्थ शिक्षक प्रशिक्षण की अनुमति दी गई।
S.C. Panda,
Chairperson NCTE
ऊपर दी गई विज्ञप्ति मन घडन्त नहीं बल्कि एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में जारी किया गया।
✍●चर्चा जारी है कि किस तरह आरटीई एक्ट शिक्षामित्रों को सेवाओं में बने रहने के लिए सुरक्षा कवच है...
●आरटीई एक्ट के लागू होने के बाद जो सब से पहला निर्देश जारी हुआ वो छात्र-शिक्षक अनुपात के अनुपालन का था। वर्ष 2010 में सभी राज्यों को 6 माह में इस की व्यवस्था करने का निर्देश केंद्र सरकार द्वारा दिया गया। जिस के बाद प्रशिक्षण के लिए राज्यों के प्रस्ताव जाने लगे।
●कल हम इस तथ्य का विश्लेषण करेंगे की राज्य ने अपनी आरटीई नियमावली और शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कैसे हमें धोखा दे कर संशोधन किये और हमें मोहरा बनाया।
..........शेष कल
✍रबी बहार**&केसी सोनकर के साथ माधव गंगवार&टीम*।
1 comment:
आपकी बात का कोई जबाब नही नाईस रवि & केसी टीम
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