दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण के सन्दर्भ में कुछ शुलभ-शौचालय रूपी धूर्तों ने जो भ्रांतियां फैलाई हैं उनका संक्षिप्त रूप से निराकरण करने की चेष्टा कर रहे हैं, आशा करते हैं आप इसपर गंभीरता से विचार करेंगे!
1. शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण क्या हैं?
उ०- 1 अप्रैल 2010 को जब पूरे देश में आरटीई एक्ट लागू हो गया तो जून 2010 में केंद्र सरकार द्वारा एक गाइड लाइन राज्य सरकार को भेजी गई जिस में कहा गया कि राज्य के पास जो भी "अप्रशिक्षित शिक्षक" हों उनको 6 माह में प्रशिक्षण शुरू कराया जाये। चूँकि आरटीई लागू हो चुका है। साथ ही एक प्रोफार्मा भी भेजा गया। जिस में सभी शिक्षकों का ब्यौरा था।
राज्य द्वारा लगभग 172000 शिक्षामित्रों का ब्यौरा केंद्र की राज्य प्रतिनिधियों की बैठक और बजट प्रस्ताव की बैठक में प्रस्तुत किया। और दिसम्बर 2010 में इन अप्रशिक्षित अध्यापकों अर्थात शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण का प्रस्ताव एनसीटीई को भेजा गया जो स्वीकार नहीं हुआ और पुनः जनवरी 2011 में संशोधित प्रस्ताव भेजा गया जिसे एनसीटीई द्वारा मंजूरी दे दी गई।
तब राज्य द्वारा केंद्र को अवगत कराया गया कि राज्य को 124000 स्नातक शिक्षामित्रों को एनसीटीई प्रशिक्षण की स्वीकृति दे चुकी है और इन्हें प्रशिक्षण दे कर नियमित किया जायेगा।अवशेष पर स्नातक होने पर विचार होगा। और केंद्र ने वर्ष 2011 में प्रशिक्षण का बजट पास कर दिया।
शिक्षामित्रों को दूरस्थ माध्यम से डीएलएड/बीटीसी प्रशिक्षण प्रदान करने की अनुमति प्राप्त कर प्रशिक्षण कराना आरम्भ कर 'नियमित शिक्षक' पद समायोजन का आधार स्थापित कर दिया गया! विधि द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार उपरोक्त प्रशिक्षण सिर्फ "सेवारत-शिक्षक" अपने शैक्षणिक उन्नयन हेतु ही प्राप्त कर सकते हैं। जिसे इसी परिप्रेक्ष्य में कराया भी गया।
2. मा० सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रशिक्षण पर पारित आदेश क्या हैं?
उ०- वर्ष 2011 में ही अन्य राज्य भी उ प्र राज्य के शिक्षामित्रों की तरह दूरस्थ माध्यम से प्रशिक्षण करवाने के लिए प्रस्ताव भेजने लगे और उक्त राज्यों को भी एससीईआरटीई द्वारा प्रशिक्षण दूरस्थ बीटीसी करवाने के प्रस्तावों को एनसीटीई द्वारा मंजूरी दे दी गई।
उक्त सब की जानकारी माननीय सुप्रीम कोर्ट कार्यालय कमिश्नर के प्रतिनिधित्त्व में पूरा प्रशिक्षण संबंधी पूरा ब्यौरा माननीय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के सम्मुख रखा गया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख एक हाई पॉवर कमेटी द्वारा उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए जो कुछ भी किया गया था यहाँ तक की समायोजन तक की जानकारी सुप्रीम कोर्ट के सम्मुख रखी।
इस पर माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय ने इस पर टिप्पणी दी कि कमेटी ने प्रशंसनीय कार्य किया है इसका अक्षरशः पालन करवाया जाये।*
3. दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण की वर्तमान स्थिति?
उ०- वर्तमान समय में प्रशिक्षण की अनुमति देने वाली संस्था NCTE और हाई कोर्ट शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण को शिक्षक-पद पर नियुक्ति हेतु राज्य सरकार की तरह वैध मानती है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण गत दि० ०१ अगस्त को मा० उच्च न्यायालय और राज्य सरकार द्वारा सहर्ष स्वीकार करने पर दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षामित्रों को 16000 बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में प्रतिभाग करने हेतु आदेशित कर दिया हैं। अतः अब ऐसे शिक्षामित्र शिक्षक नियुक्ति हेतु भी पात्र हो चुके हैं। "मिशन सुप्रीम कोर्ट" के वर्किंग ग्रुप मेंबर्स रबी बहार, केसी सोनकर, माधव गंगवार और साथियों* ने सुप्रीम कोर्ट बीएड/बीटीसी बेरोज़गारों की ट्रेनिंग पर डाली गई हर याचिका को खारिज करवाने की तैयारी की है। हम लोग शतप्रतिशत आश्वस्त है कि प्रशिक्षण पर कोई हमारा बाल बांका नहीं कर सकेगा।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।।
10 comments:
बहुत खूब, बेहतरीन
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ravi ji pls add my whatsapp no 9453719809
ravi ji pls add my whatsapp no 9453719809
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Superb job bhai. Mitane chla h sara jmana hmko tu rehnuma bnke savar de e dost.
विरोधियो के साथ साथ टीम भी धारासाही हो गई
बेहतरीन के साथ साथ लाजवाब बाउंसर
लहर के सामने साहिल की हक़ीक़त क्या है
जिन को जीना है वो हालात से डरते कब हैं
रवी बहार भाई के लिए।
रबी भाई आप ही हो जो जीत दिला सकते हो ।
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